Painter
मेरे लिए शिक्षालय मेरा परिवार है | मेरे लिए शिक्षालय अत्यंत महत्वपुर्ण है क्योंकि वह सब लोग हमारे सबसे ज्यादा परवाह करते है | यहाँ हमें पढ़ने, सीखने और प्यार से रहना सीखते है शिक्षालय हमेशा हमारा साथ देता है और यहाँ मैंने चित्रकारी करना शुरू किया क्योंकि मेरा बचपन से ही चित्रकारी करने का शौक था जोकि मेरा सपना था वह शिक्षालय के द्वारा पूरा होता हुआ नजर आ रहा है |
Sktech artist
प्रणाम, मेरा नाम करण है | मैं आपको बताना चाहता हूँ की शिक्षालय ने मुझे मुझसे रु-ब -रू कैसे करवाया | जब मैं शिक्षालय आया था तो मैं पढ़ने में अच्छा नहीं था मुझे चित्रकारी करना अच्छा लगता था | जब में 9th कक्षा में फ़ैल हो गया तब शिक्षालय ने मेरा साथ दिया | मैं नहीं जानता था की मैं चित्रकारी कर सकता हूँ, यह मुझे शिक्षालय आकर पता चला | अब मैं शिक्षालय में चित्रकारी करता हूँ मैं शिक्षालय का शुक्र गुजार हूँ की शिक्षालय ने मेरे हुनर को तलाशा और फिर तराशा |
Paint artist
मुझे शिक्षालय में 6 साल हो गए है | मेरा बचपन से ही चित्रकारी करने का शौक था जो शिक्षालय द्वारा साकार होते हुए नजर आ रहा है | शिक्षालय आज हमारे लिए परिवार है | जो हमारे लिए सब कुछ कर रहा है | मैं शिक्षालय का तहे दिल से शुक्रिया करना चाहूंगी |
katha vaachak
प्रणाम ! मेरा नाम अन्नू हैं और मैं शिक्षालय की छात्रा हूँ मैं शुक्रिया कहना चाहूंगी शिक्षालय का जिन्होंने मेरे हौंसले को उड़ान दी और बताया और समझाया कि हम जो चाहें वो कर सकते हैं और आज मैं शिक्षालय के कारण ही अलग - अलग जगहों पर सुन्दरकाण्ड का पाठ करने जाती रहती हूँ | शुक्रिया शिक्षालय आपने हमें हम से मिला दिया और आगे कुछ कर गुजरने का होंसला दिया |
शुक्रिया…
katha vaachak
अपनी छोटी सी दुनिया से आपको मिलवाऊंगी जिसका नाम हैं शिक्षालय | शिक्षालय एक परिवार की तरह हैं जो हर बच्चो को उसकी संभावनाओं से अवगत कराता हैं जैसे की मुझे | शिक्षालय ने मुझे मेरे सपने दिए और उस सपनो को अब मंच भी दे रहे हैं | शिक्षालय हमें समझाता हैं कि जहाँ चाह हैं वह राह हैं | तुम जो चाहोगे वो तुम पा सकोगे बस अपने ऊपर निरंतर अभ्यास करना होगा, और हां सबसे पहले अच्छा बनना होगा जब तुम अच्छे होंगे तो तुम चाहे कुछ भी बनो अच्छे ही बनोगे | मुझे कथावाचक बनना है और मैं सुन्दरकाण्ड का पाठ करती हूँ |
Video editor , Social Media Handler
प्रणाम ! मैं राज वर्मा रामा रोड की गलियों में रहने वाला साधारण सा बच्चा था | शिक्षालय आने के बाद मुझे एक नया तरह का जीवन जीने को मिला | गाली गलौज के माहौल से निकल कर एक ऐसा माहौल मिला जहां पढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिला | मैंने यहाँ बहुत कुछ सीखा जिसमे से मुझे कंप्यूटर में बहुत दिलचस्पी आई और इसकी वजह से जहां मैंने सोचा भी नहीं था वहां पर बैठने का मौका मिला, और अब में सोच इंडिया में बैठता हूँ | मुझे एक नया जीवन देने के लिए धन्यवाद शिक्षालय |
Frontend developer
मुझे शिक्षालय आते हुए छः साल से ज्यादा हो गए है और इन छः सालो में मेरा जीवन बदतर से बेहतर हो गया है | जहाँ मेरा सारा वक्त घूमने फिरने मजे मस्ती में चला जाता था वहीँ समय मैं मेरे कौशल को दे रहा हूँ और यह केवल शिक्षालय की वजह से संभव हो सका है | शिक्षालय ने मेरी संभावनाओं को तलाशा और वह मेरी संभावनाओं को संभव करने के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है | शिक्षालय ने मेरी क्षमता को प्रतिभा में बदलकर एक सही दिशा प्रदान की है | शिक्षालय को मेरा बहुत शुक्रिया जिन्होंने मेरे सपनो को पर दिए |